आर्यिका प्रत्यक्षमति माता के सानिध्य में वर्षायोग समिति एवं दिगंबर जैन समाज समिति की ओर से दिगंबर जैन अथिति भवन में पिच्छी परिवर्तन समारोह मनाया गया। समारोह में
बाल ब्रह्मचारी पंडित सुनील शास्त्री के निर्दशन में कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। सर्वप्रथम धर्म ध्वजा नरेंद्र जैन, चित्र अनावरण सुरेंद्र जैन, दीप प्रवज्जलन जनेश्वर दास जैन ने संयुक्त रूप से किया। स्वागताध्यक्ष अनिल जैन ने सभी अतिथियों का स्वागत किया गया। प्रत्यक्षमति माता ने कहा कि आज चातुर्मास का निष्ठापन एवं पिच्छी परिवर्तन का दिन है। कोई इस भाव से पिच्छी लेता है कि मैं दीक्षा लेकर अपना आत्मकल्याण करूं। पिच्छी देने वाला इस भाव से पिच्छी देता है कि ये भी सांसारिक बंधनों को तोड़कर जनकल्याण करते हुए मोक्ष मार्ग की तरफ अग्रसर हो। प्रत्यक्षमति माता ने चातुर्मास में सेवा करने वाले सभी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया एवम सभी के मंगल भविष्य की कामना दी। पिच्छी लेने का सौभाग्य सूची जैन को प्राप्त हुआ। नवीन जैन ने माता को नई पिच्छी प्रदान की गई।
कार्यक्रम के अंत में प्रत्यक्षमति माता की महाआरती जनेश्वर जैन, नवीन जैन ने की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. आरके जैन ने किया। कार्यक्रम में आदिश जैन, प्रवीण जैन, अतुल जैन, आदिश जैन, सिद्धार्थ, अनिल, सोनू, बोबी, विपिन, नमन, सुधीर, कौशल, मीनू, सुधा, मृदुला, उषा, गीता, रश्मि, मोना आदि सहित अन्य क्षेत्रों के श्रद्धालु शामिल रहे।
सांसारिक बंधनों से मुक्त होने का संदेश दिया